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नैनीताल की आल्मा पहाड़ी का क्या है रूस से कनेक्शन? इतिहासकार ने सुनाई अनूठी दास्तां
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नैनीताल की आल्मा पहाड़ी का क्या है रूस से कनेक्शन? इतिहासकार ने सुनाई अनूठी दास्तां

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नैनीताल

नैनीताल में स्थित है आल्मा हिल

रोहिलाओं की सेना को हराने के बाद क्रीमिया युद्ध के सैनिकों को नैनीताल आराम करने के लिए लाया गया. लेकिन, जैसे ही सैनिकों ...अधिक पढ़ें

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तनुज पाण्डे, नैनीताल: उत्तराखंड का बेहद खूबसूरत शहर नैनीताल अपनी अदम्य सुंदरता के लिए जाना जाता है. चारों तरफ पहाड़ियों से घिरा होने के कारण यह शहर पर्यटकों की पहली पसंद है. जितना सुंदर ये शहर है उतना ही समृद्ध इस शहर का इतिहास भी है. दरअसल, नैनीझील के किनारे की इन पहाड़ियों को अलग-अलग नामों से जाना जाता है. इनमें से कुछ पहाड़ियों के नाम अंग्रेजों द्वारा रखे गए थे. ऐसी ही एक पहाड़ी नैनीताल की आल्मा हिल है, जो रूस में स्थित आल्मा पहाड़ी से हुबहू मेल खाती है. साथ ही इस पहाड़ी का कनेक्शन क्रीमिया के युद्ध से भी है.

प्रसिद्ध इतिहासकार प्रोफेसर अजय रावत बताते हैं कि साल 1854 से लेकर 1856 तक यूरोप में मित्र देशों (इंग्लैंड, फ्रांस और तुर्की) और रूस के बीच युद्ध लड़ा गया. इस युद्ध का नाम क्रीमिया पड़ा. इस युद्ध का मुख्य उद्देश्य साम्राज्यवाद और उपनिवेशवाद था. इस युद्ध में रूस मित्र देशों से पराजित हुआ. साल 1856 में पेरिस कॉन्फ्रेंस के बाद रूस के ऊपर काला सागर, भूमध्य सागर, और भारत की सीमा तक साम्राज्य विस्तार योजना के प्रतिबंध लगा दिए गए.

प्रोफेसर रावत आगे बताते हैं कि उस दौरान साल 1857 में भारत में भी स्वतंत्रता संग्राम की शुरुआत हो चुकी थी. लेकिन, इसका कोई खास असर कुमाऊं और गढ़वाल में नहीं पड़ा. सिर्फ काली कुमाऊं के इलाके में कालू मेहरा ने अंग्रेजों के खिलाफ आवाज उठाई. वहीं हल्द्वानी में बरेली से आए रोहिलाओं ने आक्रमण किया. इसके बाद गोरखा सैनिकों और क्रीमिया युद्ध के सैनिकों को यहां बुलाया गया. उन्होंने हल्द्वानी में रोहिला सैनिकों को पराजित किया.

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आल्मा के युद्ध से जुड़ी है पहाड़ी
रोहिलाओं की सेना को हराने के बाद क्रीमिया युद्ध के सैनिकों को नैनीताल आराम करने के लिए लाया गया. लेकिन, जैसे ही सैनिकों की नजर नैनीताल के चाइना पीक पहाड़ी के ठीक बगल वाली पहाड़ी पर पड़ी, तो उन्हें ये पहाड़ी आल्मा की पहाड़ी की तरह दिखाई दी. उन्होंने इस पहाड़ी को आल्मा पहाड़ी का नाम दिया. क्योंकि, आल्मा का युद्ध मित्र राष्ट्रों और रूस के बीच का निर्णायक युद्ध था. यही वजह थी कि रूस की पहाड़ी आल्मा हिल के नाम से आज भी नैनीताल की इस पहाड़ी को आल्मा हिल और यहां बने घरों को आल्मा कॉटेज, आल्मा हाउस के नाम से जाना जाता है.

Tags: Local18, Nainital news