कुल्हड़ मिले या कटोरी, देखते ही देखते साफ हो जाती है ढाई क्विंटल दूध से बनी रबड़ी, आपने चखा या नहीं?
दुकान के मालिक विवेक साह ने कहा कि उनकी दुकान की रबड़ी काफी फेमस है. वह हर दिन ढाई क्विंटल दूध से रबड़ी तैयार करते है. ...अधिक पढ़ें
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आदित्य आनंद/गोड्डा.गोड्डा के भागलपुर रोड स्थित डुमरिया का बहुचर्चित रबड़ी दुकान काफी फेमस है. झारखंड समेत बिहार के लोग भी यहां विशेष रूप से रबड़ी खाने के लिए पहुंचते हैं. वहीं रबड़ी के साथ-साथ इस दुकान का पेड़ा और चाय भी लाजवाब है. दुकान के मालिक बताते हैं कि वह रोजाना 2.5 क्विंटल दूध से बनी रबड़ी बेच लेता है. इस दुकान की रबड़ी खाने गोड्डा जिला समेत बिहार के भागलपुर से भी लोग पहुंचते हैं.
वही दुकान के मालिक विवेक साह ने कहा कि उनकी दुकान की रबड़ी की मांग काफी है लेकिन वह उतनी माल तैयार नहीं कर पाता है. इसलिए वह हर दिन ढाई क्विंटल दूध का ही रबड़ी बना पाता है ताकि उनके रबड़ी की क्वालिटी बनी रहे. इसके साथ ही विवेक ने बताया कि 5 वर्ष पहले जब उन्होंने लॉकडाउन में यह दुकान शुरू किया था, उस समय वह रबड़ी में सिर्फ़ किसमिसमिलाया करते थे. तब इसकी कीमत 30 रुपये प्याली होती थी. आज ये रबड़ी में किसमिस के साथ पिस्ता बादाम व काजू भी मिलाते हैं फिर भी इसकी कीमत 30 रुपये प्याली ही है.
कैसे बनाते है रबड़ी ?
विवेक ने बताया कि पहले वह खुद से रबड़ी बनाए करता था. लेकिन, धीरे-धीरे जब रबड़ी की डिमांड अधिक होने लगी तो अधिक मात्रा में रबड़ी बनाने के लिए वह करीगर रखता है. यहां बड़े से बर्तन में सुबह के चार बजे से ही वह दूध को गर्म करना शुरू करता है.एक बार में 50 केजी दुध को वह गर्म करता है. 2 से 3 घंटे तक दूध को आग में गर्म कर गाढ़ा करते है. उसमें नाम मात्र का चीनी डाला जाता है. वहीं रोजाना 10 से 11 बजे तक रबड़ी बनकर तैयार होताहै. इसके बाद उसे मिट्टी के कप में डालकर उसमें काजू , किसमिस, पिस्ता डाला जाता है. फिर उसे फ्रिज में रख देते हैं. ठंडा होने के बद रबड़ी अधिक स्वदिष्ट लगता है.
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