छत्तीसगढ़ में है ये भूतहा पेड़! हड्डियों में फूंक देगा जान...कमरदर्द करेगा गायब, क्यों पड़ा ये अनोखा नाम?
प्राचीन समय से ही कई बीमारियों का इलाज आयुर्वेद और औषधीय पौधों से होता आ रहा है. आज भी कई ऐसे औषधीय गुणों से भरपूर पेड़- ...अधिक पढ़ें
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रामकुमार नायक, रायपुरः- अगर आपने पंचायत वेब सीरीज देखी है, तो भूतहा पेड़ जरूर आपको याद होगा. छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में भी एक भूतहा पेड़ है. लेकिन लोग इस पेड़ से डरते नहीं हैं, बल्कि इसका उपयोग कर कई तरह के स्वास्थ्य लाभ लेते हैं. दरअसल प्राचीन समय से ही कई बीमारियों का इलाज आयुर्वेद और औषधीय पौधों से होता आ रहा है. आज भी कई ऐसे औषधीय गुणों से भरपूर पेड़-पौधे हैं, जिनका इस्तेमाल इलाज के लिए किया जाता है. भूतहा पेड़ की गोंद का इस्तेमाल गोनोरिया रोग, हड्डी की मजबूती और कमर दर्द से राहत के लिए किया जाता है.
करता है कई गंभीर बीमारियों का इलाज
राजधानी रायपुर स्थित शासकीय आयुर्वेदिक कॉलेज के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. राजेश सिंह ने Local18 की टीम से बात करते हुए बताया कि स्टेरकुलिया यूरेन्स के फैमिली का एक पेड़ है. गांव में इसे भूतहा पेड़ कहते हैं. यह पेड़ बहुत काम का पेड़ है. इसमें एक लेटेक्स गोंद निकलता है, जिसको गोंद का तीरा कहा जाता है. यह गोनोरिया रोग के लिए दवा का काम करता है. इसका उपयोग ताकत के लिए भी किया जाता है. जिनको कमर दर्द होता है, उन्हें इस गोंद का लड्डू बनाकर या लड्डू में मिलाकर खिलाने से हड्डियों में मजबूती आती है और कमर दर्द में राहत मिलती है. प्रदर रोग में भी इसका उपयोग किया जाता है. इसके अलावा जलनयुक्त मूत्रत्याग में भी दिया जाता है.
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क्यों कहते हैं भूतहा पेड़?
भूतहा पेड़ में कुछ ट्रांसिल्युमिनेशन कंपाउंड पाई जाती है, तो कभी-कभी इसमें बहुत अंधेरी रात में हल्की लाइट निकलता है. उसको ही देखकर लोग इसे भूतहा पेड़ कहते हैं. भूतहा पेड़ के तना की जब बाहरी छाल निकल जाती है, तब अंदर सफेद छाल निकलती है. फिर यह रात में दिखने में इंसान के त्वचा जैसी दिखती है. इसलिए भी इसे देखकर भूतहा पेड़ कहा जाता है. भूतहा पेड़ के तने में हिट ऑब्जर्वेशन कंपाउंड होते हैं. अगर हम इसको स्पर्श करते हैं या प्रयोग करते हैं, तो यह हमारे शरीर के तापमान को ले लेता है. इसकी वजह से शरीर में थोड़ी ठंडकता महसूस होती है. इसलिए जलन में भी इसका इस्तेमाल किया जाता है.
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